राज्य सरकार की आदर्श विद्यालय योजनान्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक राजकीय उच्च माध्यमिक/माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 1 से 12/10) विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है, इन आदर्श विद्यालयों के मार्गदर्शन (Mentorship)
में विद्यार्थियों के शैक्षिक उन्नयन के उद्देश्य से राज्य में प्रथम चरण में 3863 एवं द्वितीय चरण में 4976 कुल 8839 विद्यालयों (सामान्यतः कक्षा 1 से 8) को चिन्हित कर उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह विद्यालय प्रारम्भिक शिक्षा के लिए Centre of Excellence के रूप में कार्य कर रहे है।
उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना से राज्य के नामांकन एवं परीक्षा परिणाम में वृद्धि हुई है।
उत्कृष्ट विद्यालयों में निम्नांकित कार्यों को प्रमुखता से किया जाना है:-
- समस्त मूलभूत सुविधाऐं जैसे- नामांकन अनुसार कक्षाकक्ष एवं भौतिक संरचना, खेल मैदान, चारदीवारी, स्वच्छ पेयजल, बालिका-बालिकाओं के लिए पृथक-पृथक शौचालय।
- गुणवतापूर्ण शिक्षा के लिए कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को विद्यार्थी केन्द्रित, सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन आधारित, गतिविधि आधारित शिक्षा पद्धति लागू की गई है।
- उत्कृष्ट विद्यालयों के संस्था प्रधानों को लीडरशिप का प्रशिक्षण दिया गया है।
- इन विद्यालयों में शिक्षकों के समस्त पद प्राथमिकता से भरे जा रहे हैं।
- विद्यालय विकास हेतु जनप्रतिनिधियों, सांसद व विधायक निधि, भामाशाह, दानदाताओं का सहयोग लिया जा रहा है।
- मूल्यांकन एवं मॉनीटरिंग के लिए जिला कलक्टर्स एवं उपखण्ड अधिकारी को विशेष उत्तरदायित्व दिया गया है।